डीएम के आदेश का पालन कराने में शासन प्रशासन विफल
   

सियासत/झालू ।  कोरोना वायरस से बचाव हेतु जिलाधिकारी ने साप्ताहिक बाजार बंदी के आदेश दिए थे लेकिन नगर पंचायत प्रशासन द्वारा मनादी कराने के बाद भी आज साप्ताहिक बाजार लगा रहा जिसके चलते डीएम के आदेश का पालन कराने में शासन प्रशासन विफल रहा।

  जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार बन्दी के आदेश के चलते नगर पंचायत ने एक दिन पूर्व मुनादी कराई थी लेकिन उसके बाद भी साप्ताहिक बाजार पूर्व की भाति भरा रहा जिसकी सूचना मिलने पर नगर पंचायत वरिष्ठ लिपिक अनुज अग्रवाल अपनी टीम व पुलिस बल के साथ बाजार बंद कराने पहुंचे लेकिन उनकी बात को फड लगाने वालों पर कोई असर नहीं हुआ जिसके चलते जिलाधिकारी रमाकांत पांडे के आदेशों का पालन कराने में शासन-प्रशासन विफल रहा।वही उपजिलाधिकारी बृजेश कुमार ने जानकारी मिलने पर कार्रवाई करने की बात कही है उधर नगर में मीट चिकन की दुकान रोज की भाति खुली रही जिस के संम्बंन्ध में झालू पशु चिकित्सा केंद्र प्रभारी डॉ. पुष्प सागर से फोन पर बात की गई जिस पर उनका कहना है कि आदेशों की जानकारी तो है लेकिन उन्हें कोई विभागीय लिखित आदेश नहीं मिला है जिसके चलते वह कार्रवाई करने में असमर्थ हैं उल्लेखनीय है कि शासन-प्रशासन कोरोना वायरस  जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए पूरे जोर-शोर के साथ जन जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा है उसके बाद भी जनता अपनी हर धर्मी पर टिकी हुई है और इसे एक मजाक के रूप में ले रहे हैं जबकि चारों तरफ इस बीमारी से हाहाकार मचा हुआ है जनपद बिजनौर में भी कोरोना के 2 मरीज मिलने से शासन प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है लोगों को मास्क व सावधानी बरतने को कहा जा रहा है और भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है लेकिन इस सबके बावजूद आज नगर में शुक्रवार का साप्ताहिक बाजार पूर्व की भाति भरता नजर आया और काफी भीड़ थी लोग तरह-तरह की अफवाहें भी फैला कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं जिसके चलते लोगों ने घरों में स्टॉक करना शुरू कर दिया है अफवाहओं के चलते नगर की जनता बैंकों में भीड़ के रूप में नजर आई वहां मौजूद शमीम, जितेंद्र, पुरन, कामिंदर,साजिद, योगेश आदि का कहना था कि वह इसलिए बैंक से पैसा निकाल रहे हैं कि यदि कोई ऐसी आपात स्थिति आती है तो घर में पैसा रखा काम आ जाए। शुक्रवार में खरीदारी करने आयी शमीमा ,मनीषा, जरीना ,कांति, पुष्पा, राखी आदि महिलाओं का कहना है कि वह अपने घरों में 10से 15 दिन का राशन ले जाकर इकट्ठा कर रही है क्योंकि वह भयभीत हैं